हर तरह के वातावरण में रह सकते हैं ‘सियार’


भारत में लगभग हर जगह पर पाया जाने वाला जानवर ‘सियार’ कुत्ते जैसा दिखने वाला एक मांसाहारी जानवर है। इसे ‘गीदड़’ के नाम से भी जाना जाता है। इनकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये सभी प्रकार के वातावरण में रहने में समर्थ होते हैं। इनके शरीर का रंग भूरा होता है जबकि इनके कंधे, कान और पेट पर काले-सफेद बाल होते हैं तथा पूंछ का अंतिम सिरा काला होता है। सियार की टांगें लंबी और मजबूत होती हैं, जिस कारण ये कम समय में लंबी दूरी तय करने में सक्षम होते हैं सियार 16 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से दौड़ सकते हैं। सियार के दांत थोड़ा मुड़ाव लिए हुए काफी तीखे होते हैं, जिस कारण ये पक्षियों, छोटे स्तनधारियों और रेंगने वाले जीवों का आसानी से शिकार कर लेते हैं। करीब साढ़े तीन फुट लंबा यह जानवर औसतन 10-12 किलो वजनी होता है। सियार रात्रिचर होते हैं और मांद में रहते हैं। यह समूहों में रहने वाला प्राणी है। इसका बड़ी संख्या मे शिकार किए जाने के कारण यह अब विलुप्त होते प्राणियों की श्रेणी में शुमार हो गया है और इस कारण इसे संरक्षित वन्य प्राणी का दर्जा दिया गया है। मादा सियार नर के साथ सहवास के करीब दो माह बाद 4-5 बच्चों को एक साथ जन्म देती है।

-- योगेश कुमार गोयल

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