Posts

Showing posts from January, 2013

अब आप भी सुझा सकते हैं डाक टिकटों की थीम

अगर आप चाहते हैं कि आपकी पंसद का डाक टिकट जारी होना चाहिए तो इसके लिए भारतीय डाक विभाग ने एक विशेष सुविधा मुहैया करा ई  है। इस संबंध में इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव कहना है कि इसके  लिए  डाक विभाग राष्ट्रीय स्तर पर एक पोल (मत) कर रहा है, जिसके तहत लोगों से विभिन्न विषयों पर डाक टिकट जारी करने हेतु सुझाव आमंत्रित किये गये हैं। इस संबंध में कला, संस्कृति, राष्ट्रीय विरासत, फूल और पौधे, खेल, वन्य जीवन, प्रकृति, ऐतिहासिक स्मारक, बच्चों से जुड़े विषय और विश्व स्मारकों पर सुझाव दिये जा सकते हैं।  इनमें से राष्ट्रीय स्तर के तीन सर्वश्रेष्ठ सुझावों को वर्ष 2014 में जारी किये जाने वाले डाक टिकटों की सूची में शामिल किया जायेगा और विभाग द्वारा जारी की जाने वाली सूचना विवरणिका में संबंधित व्यक्ति का उल्लेख भी किया जायेगा। डाक निदेशक  कृष्ण कुमार यादव  के अनुसार व्यक्तिव, संस्थान एवं इवेंट्स (घटना या वृतांत ) से जुड़े विषयों से संबंधित सुझाव मान्य नहीं होंगे। 15 फरवरी, 2013 तक चलने वाले इस ’’डाक टिकट सुझायें’’ अभियान के तहत stamppoll@gmail.com पर सुझाव ई-

पाठकों की संख्या हुई 50000 के पार

Image
‘मीडिया केयर ग्रुप’ पर पाठकों की संख्या आज 50000 का आंकड़ा पार कर गई है. आपने इस ब्लॉग पर अपनी उपस्थिति निरन्तर दर्ज कराई और इसे पसंद किया, इसके लिए आपका हार्दिक आभार, धन्यवाद. भविष्य में ‘मीडिया केयर ग्रुप’ को और बेहतर बनाने के लिए अपने अमूल्य सुझावों से अवगत कराते रहें.

भारत के संविधान की रोचक दास्तां

Image
गणतंत्र दिवस पर विशेष -- योगेश कुमार गोयल -- ’ सर्वप्रथम सन् 1895 में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने यह मांग की थी कि अंग्रेजों के अधीनस्थ भारतवर्ष का संविधान स्वयं भारतीयों द्वारा ही बनाया जाना चाहिए लेकिन तिलक के सहयोगियों द्वारा भारत के लिए स्वराज्य विधेयक के प्रारूप को, जिसमें पहली बार भारत के लिए स्वतंत्र संविधान सभा के गठन की मांग की गई थी, ब्रिटिश सरकार द्वारा ठुकरा दिया गया था। ’ 1922 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने मांग की थी कि भारत का राजनैतिक भाग्य भारतीय स्वयं बनाएंगे। 1924 में पं. मोतीलाल नेहरू ने संविधान सभा के गठन की फिर मांग की लेकिन अंग्रेजों द्वारा उनकी मांग को भी ठुकरा दिया गया। तब से संविधान सभा के गठन की मांग लगातार उठती रही लेकिन अंग्रेजों द्वारा इसे हर बार ठुकराया जाता रहा। ’ 1939 में कांग्रेस अधिवेशन में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि स्वतंत्र देश के संविधान के निर्माण के लिए संविधान सभा ही एकमात्र उपाय है और अंततः 1940 में ब्रिटिश सरकार ने इस मांग को मान लिया कि भारत का संविधान भारत के लोगों द्वारा ही बनाया जाए। ’ 19

परखें अपना सामान्य ज्ञान

Image

पल-पल रंग बदलते बंदर

Image

जान है तो जहान है

Image
   

विशेष सूचना

Image
आपका प्रिय ब्लॉग www.mediacaregroup.co.in अगले कुछ दिनों में www.mediacaregroup.blogspot.com पर शिफ्ट हो जाएगा. अतः यदि www.mediacaregroup.co.in न खुले तो कृपया अपने प्रिय ब्लॉग पर जाने के लिए  www.mediacaregroup.blogspot.com  को देखें. धन्यवाद.

आसाराम बापू ने हड़पी सैंकड़ों एकड़ जमीन?

Image
पिछले दिनों ‘दिल्ली रेप कांड’ को लेकर अपनी घृणास्पद टिप्पणी के बाद अपनी आलोचना से बौखलाये प्रख्यात ‘संत’ (?) आसाराम बापू अपनी बेहद घटिया टिप्पणी ‘मैं हाथी, विरोधी भौंकने वाले कुत्ते’ को लेकर चर्चा में आए थे। दरअसल आसाराम कहने को भले ही विश्वविख्यात ‘संत’ हैं और देश-विदेश में भले ही उनके करोड़ों अनुयायी हैं लेकिन किसी न किसी तरह के विवाद के चलते चर्चा में बने रहना लगता है, उनकी फितरत बन गई है। फिलहाल वो एक अन्य मामले को लेकर मुश्किल में पड़ गए हैं। दरअसल मध्य प्रदेश में कथित रूप से 700 करोड़ रुपये की जमीन को कब्जाने के मामले में ‘सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी’ द्वारा आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी गई है। ‘एसएफआईओ’ चाहता है कि आईपीसी और कम्पनीज एक्ट-1965 के तहत आसाराम और उनके बेटे के खिलाफ मामला चले। इस संबंध में उसने कम्पनी मामलों के मंत्रालय को अपनी सिफारिश भेजी है। बता दें कि यह मामला मध्य प्रदेश के रतलाम में कथित रूप से 200 एकड़ की जमीन हथियाने से जुड़ा है। यह जमीन दिल्ली-पुणे फ्रंट कॉरिडोर पर स्थित है। यह जमीन ‘जयंत विटाम

नीम में है औषधीय गुणों का खजाना

Image

हैल्थ अपडेट

Image
स्वास्थ्य का खजाना

कॉन्फिडेंस ही है मेरा स्टाइल: नेहा धूपिया

Image
‘मीडिया केयर नेटवर्क’ द्वारा दैनिक पंजाब केसरी में 17.1.13 को प्रकाशित

सफलता चाहिए तो सोच रखें सकारात्मक

Image
‘मीडिया केयर नेटवर्क’ द्वारा दैनिक सन्मार्ग में 17.1.13 को प्रकाशित

एक नन्हा राजदूत है डाक टिकट

Image
इलाहाबाद डाक टिकट प्रदर्शनी ”इलाफिलेक्स-2013” में दिखी डाक-टिकटों की समृद्ध परम्परा ’’माई स्टैम्प’’ के तहत खुद की डाक टिकटें बनवाने के प्रति दिखा उत्साह  डाक विभाग द्वारा दोदिवसीय ’’इलाहाबाद डाक टिकट प्रदर्शनी’’ इलाफिलेक्स-2013 का उद्घाटन 13 जनवरी 2013 को उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के महात्मा गाँधी कला वीथिका में किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन द्वीप प्रज्वलित कर और रिबन काटकर, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पंकज मिथल द्वारा पद्मश्री शम्शुर्रह्मान फारूकी, निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव और पोस्टमास्टर जनरल ए. के. गुप्ता के संग किया गया।  प्रदर्शनी में शहर के फिलेटलिस्टों द्वारा तमाम डाक टिकटों की प्रदर्शनी लगाई गई। कुल 59 फ्रेमों में हजारों की संख्या में डाक-टिकट प्रदर्शित किए गए, जिनमें इलाहाबाद से संबंधित विषयों पर जारी डाक-टिकट, डाक-टिकटों के माध्यम से सिनेमा के 100 वर्ष, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, रवीन्द्रनाथ टैगोर, नेहरु परिवार पर जारी डाक टिकट, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर जारी डाक टिकट, मस्जिदों पर जारी डाक-टिकट से लेकर से लेकर जैव विविधता, रोट

गर्भाशय के बाहर कैसे विकसित होगा भ्रूण?

Image

नींद: कुछ रोचक एवं आश्चर्यजनक तथ्य

Image

सर्दी-जुकाम से बचाते हैं नाक के बाल

Image

नुकसानदायक है ज्यादा च्यूइंगम चबाना

Image

क्या ऐसे ही होते हैं ‘संत’?

‘दिल्ली रेप कांड’ पर अपनी बेहद बचकानी प्रतिक्रिया को लेकर चौतरफा आलोचना झेलने के बाद गत दिनों विश्वविख्यात ‘संत’ (?) आसाराम बापू ने बौखलाहट भरा बयान दिया। उन्होंने कहा, "मैं हाथी, विरोधी भौंकने वाले कुत्ते ...!" ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक ही है कि :- क्या यही है ‘संत वाणी’? क्या ऐसे ही होते हैं ‘संत’? क्या ऐसे ‘संत’ ही इस देश का दुर्भाग्य नहीं हैं ...? आप इस बारे में क्या कहेंगे...?

अनोखे जीव-जंतु

Image

पक्षियों की कुछ मजेदार बातें

Image
‘मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स’ द्वारा ‘पंजाब केसरी’ में 6.1.2013 को प्रकाशित

खबरें सेहत भरी

Image
‘मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स’ द्वारा ‘दैनिक सन्मार्ग’ में 27.12.2012 को प्रकाशित

जानिए, कितना खतरनाक है पान मसाला

Image

अपने आप करीने से जम जाएंगी मेज पर बिखरी चीजें

Image
दैनिक सन्मार्ग में 3 जनवरी 2013 को प्रकाशित

कुछ विचित्र और दुर्लभ चित्र

Image