जीवन संगिनी छोड़ गई साथ




मेरी जीवन संगिनी श्रीमती संगीता गोयल गत 5 मार्च को अचानक हमेशा-हमेशा के लिए मेरा साथ छोड़कर इस दुनिया को अलविदा कह गई। वे पिछले कुछ समय से कैंसर से संघर्ष कर रही थी और गत वर्ष नई दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में इलाज के बाद तेजी से स्वास्थ्य लाभ भी कर रही थी। 5 मार्च को रात्रि लगभग 8 बजे अचानक हृदयगति रूक जाने के बाद उनका निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार 6 मार्च को पूरे रीति-रिवाज के साथ कर दिया गया। वह मात्र 35 वर्ष की थी और अपने पीछे लगभग 10 वर्षीय पुत्र अतुल गोयल को छोड़ गई हैं। संगीता का जन्म 27 मई 1978 को हरियाणा के झज्जर जिले के माछरौली गांव में हुआ था और वे झज्जर के अग्रसेन महिला महाविद्यालय से ग्रेजुएट थी। उनके इस तरह अचानक चले जाने के बाद मेरे जीवन में एक बहुत बड़ा शून्यकाल आ गया है।

Comments

Shikha Kaushik said…
THIS IS EASY TO SAY ''HAVE PATIENCE '' BUT THIS IS HARD TO BEAR .
भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और आपके जीवन में आई इस दुःख की घडी में आपका हौसला बनाए रखे !!
dr.mahendrag said…
Ishwar unki aatma ko shanti pradan kare,is sankat men hum aapke sath hae
Reena Pant said…
ऐसे कठिन क्षणों में ईश्वर आपको हौसला दे
Reena Pant said…
ऐसे कठिन क्षणों में ईश्वर आपको हौसला दे
...अत्यंत दुखद घटना है,पर भगवान की लीला के आगे हम सभी नतमस्तक हैं।
प्रार्थना है ईश्वर मृतात्मा को शांति प्रदान करें . और आपको एवम आपके परिवार को इस भारी दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें।
डा. शिखा जी, पूरन जी, डा. महेन्द्र जी, रीना जी, उमेश जी, मेरी स्वर्गीय पत्नी की आत्मिक शांति के लिए आत्मीय भाव प्रकट करने पर मैं हृदय से आपका कृतज्ञ हूं, धन्यवाद.

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