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लड़कियों से अधिक संवेदनशील होते हैं लड़के

एक अध्ययन के बाद यह बात सामने आई है कि लड़कियों के मुकाबले लड़के अधिक संवेदनशील होते हैं। अध्ययनकर्ता मनोवैज्ञानिक सेबेस्टिन क्रैमर का कहना है कि पुरूषों पर समाज द्वारा दबाव डाला जाता है कि वे कठोर बनें और भावुकता से दूर रहें। पैदा होने के बाद भी लड़के लड़कियों के मुकाबले अधिक कमजोर होते हैं और बचपन तथा किशोरावस्था में भी लड़कों को लड़कियों से अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्रैमर कहते हैं कि लड़कों को शुरू से ही कठोर समझा जाता है और उनके मनोवैज्ञानिक विकास की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। समाज लड़कों को कोमल हृदय एवं संवेदनशील नहीं बनने देता। यदि कोई लड़का शांत स्वभाव का है अथवा भावुक होकर रोने लगता है तो लोग उसका मजाक उड़ाने लगते हैं। क्रैमर के अनुसार संभवतः यही कारण है कि लड़कियां परीक्षाओं में लड़कों के मुकाबले अच्छे नंबर लाती हैं क्योंकि लड़कियों पर अक्सर कोई दबाव नहीं डाला जाता। किशोरावस्था में लड़कों द्वारा आत्महत्या करने की प्रवृत्ति भी लड़कियों के मुकाबले अधिक होती है क्योंकि वे भावनाओं और दबावों के बीच फंस जाते हैं। (मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स)

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