6 टांगें होने पर भी चल नहीं सकते ड्रैगनफ्लाई

जीव-जन्तुओं की अनोखी दुनिया

- योगेश कुमार गोयल

‘ड्रैगनफ्लाई’, जिन्हें ‘चिऊरा’ तथा ‘व्याध पतंगा’ के नाम से भी जाना जाता है, वास्तव में इनका अस्तित्व धरती पर 30 करोड़ साल से भी ज्यादा पुराना माना जाता है और ये विश्व में लगभग हर जगह पाए जाते हैं। चिऊरा हवा में आसानी से उड़ तो सकते हैं मगर अपनी 6 टांगें होने के बावजूद जमीन पर चल नहीं सकते। मजे की बात यह कि वृक्षों के तनों पर तो चिऊरा चल लेते हैं और इन पर आसानी से बैठ भी जाते हैं मगर जमीन पर नहीं चल सकते। दरअसल इनकी टांगें आगे की ओर मुड़ी होती हैं और उनकी टांगों तथा छाती की बनावट के कारण ही ऐसा होता है। चिऊरा मनुष्यों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। ये कीटों तथा छोटी मछलियों का भोजन करते हैं। चिऊरा की यह विशेषता होती है कि ये उड़ते हुए ही कीटों को दबोच लेते हैं। दरअसल इनकी टांगों की बनावट एक टोकरी जैसी होती है, जिसमें उड़ते हुए कीट आसानी से फंस जाते हैं और फिर चिऊरा उन कीटों को अपने मुंह की ओर लाकर निगल जाते हैं। वायुयानों का डिजाइन बनाने वाले वैज्ञानिक तो चिऊरा की शारीरिक संरचना का खासतौर से अध्ययन कर रहे हैं क्योंकि चिऊरा जिस तरह से हवा में उड़ता है, सिर के बल गिरता है और फिर वापस उसी अवस्था में लौटता है तथा डोलता है, वैसा करना किसी भी अन्य जीव-जंतु या मशीन के लिए अभी तक तो संभव नहीं दिखाई देता। चिऊरा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह अपनी उड़ान की दिशा एकाएक बदल सकता है, सामने से आती किसी भी वस्तु से दुबककर बच सकता है और एक सैकेंड के भी सौवें हिस्से में उड़ान भर सकता है अथवा उड़ान समाप्त कर सकता है।

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