धूम्रपान: कुछ सनसनीखेज तथ्य

जानकारी

. योगेश कुमार गोयल (मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स)

’ विश्वभर में इस समय एक अरब से भी अधिक व्यक्ति धूम्रपान करते हैं जो प्रतिवर्ष 5000 करोड़ से अधिक सिगरेटें फूंक डालते हैं।
’ सिगरेटों के बजाय भारत में बीड़ियों का प्रचलन अत्यधिक बढ़ा है और ऐसा अनुमान है कि देश में प्रतिवर्ष करीब सौ अरब रुपये मूल्य की बीड़ियों का सेवन किया जाता है।
’ विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार एशिया में 1988 से 1996 के बीच सिगरेटों की खपत में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई और भारत में इस दौरान यह वृद्धि 19 प्रतिशत दर्ज की गई।
’ भारत में प्रतिवर्ष लगभग 53 करोड़ किलोग्राम तम्बाकू का उत्पादन होता है, जिसमें से 35 करोड़ कि.ग्रा. का उपयोग सिगरेट बनाने में तथा 15 करोड़ कि.ग्रा. का उपयोग बीड़ी बनाने में किया जाता है।
’ भारत में प्रतिदिन 2.1 प्रतिशत की दर से धूम्रपान करने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है और प्रतिदिन 5000 स्कूली छात्र एवं आवारा बच्चे धूम्रपान करने वालों में शामिल हो रहे हैं।
’ भारत में प्रतिदिन 3000 से भी अधिक व्यक्तियों की मृत्यु तम्बाकू जनित बीमारियों के कारण हो रही हैं, जिनमें से 300 व्यक्ति ऐसे होते हैं, जो स्वयं धूम्रपान नहीं करते बल्कि धूम्रपान करने वालों के निकट होते हैं।
’ भारत में प्रतिदिन धूम्रपान से मरने वालों की संख्या सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के मुकाबले 20 गुना है जबकि एड्स से देश में जितनी मौतें 10 वर्ष में होती हैं, उतनी मौतें धूम्रपान की वजह से मात्र एक सप्ताह में ही हो जाती हैं।
’ विश्व में करीब 1.1 अरब व्यक्ति धूम्रपान के आदी हैं, जिनमें से 80 करोड़ व्यक्ति विकासशील देशों के तथा 30 करोड़ विकसित देशों के हैं।
’ विश्व भर में धूम्रपान करने वाले पुरूषों की संख्या 90 करोड़ और महिलाओं की संख्या 20 करोड़ है।
’ चीन में धूम्रपान करने वालों की संख्या लगभग 35 करोड़ और भारत में यह संख्या करीब 30 करोड़ है।
’ विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि यदि यही स्थिति बरकरार रही तो सन् 2020 तक चीन में धूम्रपान से मरने वालों की संख्या प्रतिवर्ष 50 लाख हो जाएगी।
’ विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिदिन 11000 लोग तम्बाकू के सेवन के कारण काल का ग्रास बनते हैं, जिनमें से लगभग 8000 व्यक्ति फेफड़ों के कैंसर के शिकार होते हैं।
’ विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिवर्ष विश्व भर में 8000 से अधिक नवजात शिशु धूम्रपान के कारण ही असमय काल के ग्रास बन जाते हैं।
’ विभिन्न रिपोर्टों और आंकड़ों से पता चलता है कि सभी प्रकार के कैंसर में 40 फीसदी की प्रमुख वजह धूम्रपान ही होता है। धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों को धूम्रपान न करने वालों की अपेक्षा फेफड़ों का कैसर होने की संभावना 15 गुना अधिक होती है।
’ यदि धूम्रपान की यही प्रवृत्ति जारी रही तो इससे होने वाली मौतों की संख्या 2020 तक प्रतिवर्ष एक करोड़ हो जाने की संभावना है, जिसमें से 70 लाख मौतें विकासशील देशों में ही होंगी।
’ धूम्रपान करने वालों की संख्या इसी कदर बढ़ती रही तो विश्व की कुल आबादी का 6 प्रतिशत हिस्सा तम्बाकू सेवन के कारण ही मारा जाएगा।
’ प्रतिदिन 20 सिगरेट तक पीने वाली गर्भवती महिला के बच्चे की मृत्यु होने की संभावना सामान्य से 20 प्रतिशत बढ़ जाती है जबकि 20 से अधिक सिगरेट पीने पर यह खतरा 35 प्रतिशत तक हो जाता है। (मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स)

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