पेट में ही शहद का भण्डारण करती हैं मधु चींटियां


-- योगेश कुमार गोयल (मीडिया केयर नेटवर्क)

शहद की चींटियां, जिन्हें ‘मधु चींटियां’ कहा जाता है, प्रायः अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, अमेरिका तथा न्यूगिनी में पाई जाती हैं। विश्वभर में पाई जाने वाली अन्य चींटियों की भांति ही मधु चींटियों में भी रानी चींटी अण्डे देती है और मजदूर चींटियां उन अण्डों को सेने का काम करती हैं। मधु चींटियां प्रायः छोटे-छोटे समूहों में ही रहती हैं और कीड़ों तथा कुछ विशेष प्रकार के पौधों की कोंपलों से रस चूस-चूसकर आपातकाल के लिए इकट्ठा करती हैं। इस तरल पदार्थ (शहद) का भण्डारण स्थल भी बड़ा विचित्र होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका भण्डारण ये अन्य किसी स्थान पर नहीं करती बल्कि कुछ विशेष प्रकार की चींटियों का पेट ही यह भण्डारण स्थल होता है। अपने पेट में रखी शहद की इन बूंदों से ही ये चींटियां अपना भोजन भी प्राप्त करती रहती हैं। जब इनका पेट शहद से भर जाता है तो यह सुनहरे पीले रंग का हो जाता है। आपातकाल के समय या बाहर भोजन की आपूर्ति में कमी आने पर ये चींटियां अपने पेट से शहद की एक-एक बूंद बाहर उगल देती हैं। इससे छत्ते की मजदूर चींटियां अपना पेट भरती हैं। मधु चींटियों को विश्वभर के कई हिस्सों में लोग स्वादिष्ट व्यंजन के रूप में भी उपयोग करते हैं, खासकर मैक्सिको में तो इन चींटियों के घोंसलों को ऊंची कीमतों पर बेचा जाता है। वहां लोग शहद की चींटियां प्राप्त करने के लिए इनके घोंसलों को ढूंढ़ते रहते हैं। (एम सी एन)

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