सकारात्मक दृष्टिकोण रखें, स्वस्थ रहें

प्रस्तुति: योगेश कुमार गोयल

शोधकर्ताओं का कहना है कि शारीरिक कमियों और बीमारियों से जल्दी छुटकारा पाने में व्यक्ति का सकारात्मक दृष्टिकोण बहुत उपयोगी साबित होता है। उनका कहना है कि भले ही आप दिल की बीमारी से पीड़ित हों, आपका ऑपरेशन होने जा रहा हो या आप किसी पुरानी शारीरिक बीमारी से परेशान हों, इन तमाम तकलीफों से मुक्ति पाकर आप कितनी जल्दी चुस्त-दुरूस्त हो सकते हैं, यह तय करने में आपका दृष्टिकोण बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सकारात्मक विचारों से भरपूर व्यक्ति अपनी इच्छाशक्ति के दम पर बीमारी से लड़ने का हौंसला पैदा कर लेता है और सामान्य होने के लिए दवाएं जितनी महत्वपूर्ण होती हैं, उतना ही महत्वपूर्ण व्यक्ति का जीवन के प्रति सकारात्मक रवैया भी होता है।

शोधकर्ता हालांकि यह बता पाने में असमर्थ हैं कि आखिर सकारात्मक विचार किस तरह बीमारियों से लड़कर दुरूस्त होने में मदद करते हैं। शोध टीम के प्रमुख डा. डोनाल्ड सी कोल ने इस विषय पर इससे पूर्व किए गए सभी शोधों का अध्ययन करने के बाद स्वयं भी मरीजों के विचारों, उनके स्वयं के ठीक होने या न होने के दृष्टिकोण तथा इलाज के बाद उनकी स्वास्थ्य रिपोर्टों का गहन अध्ययन किया। अध्ययन के दौरान उन्होंने पाया कि जिन लोगों का अपने ठीक होने के प्रति सकारात्मक रवैया था, उनके स्वास्थ्य परिणाम दूसरों की तुलना में ज्यादा बेहतर पाए गए और वे दूसरों की तुलना में जल्दी ठीक हो गए। डा. कोल का कहना है कि इस अध्ययन में इस बात के प्रमाण मिले हैं कि नकारात्मक मनोवृत्ति रखने वाले लोग इसके वशीभूत होकर स्वयं परेशानियों के सामने घुटने टेक देते हैं और वे उनसे डटकर मुकाबला करने का साहस जुटाने के बजाय यह मान बैठते हैं कि अब वे कभी सामान्य नहीं हो पाएंगे। मरीजों के ऐसे विचार ही उनके जल्दी ठीक हो जाने के अवसरों को कम करते हैं। डा. कोल का कहना है कि मरीज को उसके नकारात्मक दृष्टिकोण से उबारने में मनोवैज्ञानिक काफी सहयोग कर सकते हैं। (मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स)

Comments

Popular posts from this blog

तपती धरती और प्रकृति का बढ़ता प्रकोप

पंखों वाली गाय !