खोज खबर: बीमारियां पैदा करने वाले जीवाणुओं की पहचान करेगी मशीन

प्रस्तुति: योगेश कुमार गोयल (मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स)

तरह-तरह की बीमारियां पैदा करने वाले रोगाणुओं की मदद से बीमारियों की दवा बनाने के प्रयासों में दुनिया भर के वैज्ञानिक जुटे हैं। इसके अलावा किसी न किसी बीमारी के इलाज में कामयाब हो सकने योग्य लाखों रासायनिक अणुओं को परखने, उन्हें छांटकर अलग करने तथा उनसे दवा तैयार करने के प्रयोग भी चल रहे हैं। जाहिर है कि यह काम बहुत पेचीदा है और नए उपकरणों तथा नए सॉफ्टवेयर के बिना इसे कर पाना करीब-करीब असंभव सा है लेकिन उत्तरी इंग्लैंड में यार्कशायर स्थित ‘द डोन विटले’ नामक साइंटिफिक कम्पनी जीवाणुओं के अध्ययन के लिए विशेष उपकरण तथा विशेष सॉफ्टवेयर विकसित करने में सफल हुई है। कम्पनी ने बिना हवा के पनपने वाले जीवाणुओं के अध्ययन के लिए एक अनूठा वर्क स्टेशन तैयार किया है। कम्पनी ने एनारोबिक बैक्टीरिया को खाद्य पदार्थों, पानी तथा मेडिकल सेंपलों से अलग करने का काम इतना सटीक और आसान बना दिया है कि दुनिया के 20 देशों में ‘मैक्स’ नामक यही मशीन कार्य कर रही है और इस मशीन में अब एक और क्रांतिकारी संशोधन किया गया है, जिससे यह मशीन अब जीवाणु के चारों ओर के बदलते वातावरण का भी ध्यान रख सकेगी।

दुनिया में इस तरह का यह एकमात्र उपकरण है, जिसे आमतौर पर भोजन को विषाक्त बनाने वाले जीवाणुओं को विविध प्रकार के खाद्य पदार्थों से अलग करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस नई मैक्स प्रणाली को हर तरह से चुस्त-दुरूस्त बनाया गया है। इसमें जीवाणु का आकार, आकृति, आंतरिक संरचना आदि सभी कुछ परखा जा सकता है। इसका रिमोट पांव से भी चलाया जा सकता है, जिससे उपकरण को खोलना, बंद करना तथा इस्तेमाल करना बहुत आसान हो गया है। प्रयोगकर्ता को इसके उपयोग के लिए उठने की जरूरत नहीं पड़ती तथा एक जगह बैठे-बैठे ही काम किया जा सकता है। जीवाणु प्रयोगशाला से बाहर न निकल सकें, इसकी भी व्यवस्था की गई है। (मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स)

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