हैल्थ अपडेट : निकोटीन से टी. बी. जीवाणु का सफाया

प्रस्तुति: योगेश कुमार गोयल (मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स)

यह सही है कि सिगरेट में मौजूद निकोटीन को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक तत्व माना जाता है क्योंकि निकोटीन धूम्रपान करने वाले को इसका आदी बनाकर फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही निकोटीन टी.बी. (तपेदिक) पैदा करने वाले जीवाणुओं का नाश भी करती है। जी हां, यह कहना है यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल फ्लोरिडा के प्रमुख शोधकर्ता डा. सलेह नासेर का। डा. सलेह नासेर कहते हैं कि तम्बाकू में पाई जाने वाली निकोटीन सिर्फ माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबर क्लोसिस का ही नहीं बल्कि अन्य शक्तिशाली जीवाणुओं का भी सफाया करती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि निकोटीन टीबी बैक्टीरिया का विकास ही नहीं रोकती बल्कि उसे पूरी तरह नष्ट कर देती है। जब शोध के दौरान प्रयोगशाला में खतरनाक जीवाणुओं पर बहुत थोड़ी मात्रा में निकोटीन डाला गया तो सभी जीवाणु मर गए। तपेदिक फैलाने वाले जीवाणुओं को मारने में एक सिगरेट में मौजूद निकोटीन से भी कम मात्रा का उपयोग किया गया था।

इस शोध का अर्थ यह नहीं है कि निकोटीन का यह लाभ सिगरेट के जरिये इसका सेवन करने से भी मिल सकेगा। सिगरेट पीने पर शरीर में निकोटीन सिर्फ और सिर्फ नुकसान ही पहुंचाएगा और इससे किसी भी तरह के स्वास्थ्य लाभ की कामना नहीं की जा सकती। सिगरेट पीने या तम्बाकू खाने पर निकोटीन का यह लाभ इसलिए नहीं मिल सकेगा क्योंकि इसमें ‘कारसिनोजेन’ नामक यौगिक भी मौजूद होते हैं, जो कैंसर को बढ़ावा देते हैं। वैसे अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि निकोटीन अत्यंत हानिकारक बैक्टीरिया को भी कैसे नष्ट करता है। (मीडिया एंटरटेनमेंट फीचर्स)

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